Atankvadi Nagraj | Bhanumati Ka Pitara | Chota Nagrag |
Bhediya Kaun | Atank | Nagadhish |
FLemina | Sanhar | Saudangi |
Vinash | 26/11-Doga,Nagraj | Adamkhor |
Ankhmicholi | Agraj | Fun |
Kenchuli | Kundali | Lava |
Milan Yamani | Nagjyoti | Ometra |
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Hedran | Adrishya Hatyra | row 1, cell 1 |
Saturday, 16 April 2011
Monday, 11 April 2011
Raj comics march 2011 set released
Format: Printed
Issue No: SPCL-2456-H
Language: Hindi
Author: Sushant Panda
Penciler: Sushant Panda
Inker: Sushant Panda
Colorist: Sushant Panda
Pages: 64
स्वर्ग में देवराज इंद्र के दरबार में छिड़ गई बहस कि बांकेलाल एक दुष्ट मानव है या एक नेक मानव है| इस बहस का हिस्सा बन गए बेदी जी भी| सभी देवता दो दलों मे विभाजित हो गए जो बेदी जी से पूछने लगे कि उनकी राय में किसे विशालगढ़ का राजा बनना चाहिए| बेदी जी देवताओं के इस विवाद मे बुरी तरह फंस गए| तभी नारद जी ने आ कर सूचना दी कि एक दैवीय योग के कारण अब बांकेलाल का राजा बनना निश्चित हो गया है| तब बेदी जी शिव कि कृपा से चमत्कारी शरीर ले कर जा पहुंचे विशालगढ़ बन कर बांकेलाल के चाचा बनाने के लिए उसे विशालगढ़ का राजा|Format: Printed
Issue No: SPCL-2454-H
Language: Hindi
Author: Sanjay Gupta,Tarun Kumar Wahi
Penciler: Studio Image
Inker: Sagar Thapa
Colorist: Sunil
Pages: 48 गुरु को पहुंची चोट का दर्द वही समझ सकता है जिसने अपने गुरु को अपना खुदा माना हो| जिसने गुरु को खुदा माना हो वही उसकी शिक्षा को इबादत समझ कर बंद आँखों से लक्ष्य को बेधना सीख सकता है और ऐसे लक्ष्य बेधक डोगा के गुरु काली को किसी ने गोली मार दी है और कहा यह जा रहा है कि गुरु काली ने आत्महत्या कर ली है| अजब चक्रव्यूह है| वो काली चाचा जो गोलियों कि बारिश में से बिना किसी आड़ लिए बच निकल जाए| आखिर ऐसा कौन सूरमा आ गया जिसने उस धुरंधर को गोली मार दी| इस पर विश्वाश ना करें तो इस पर कैसे विश्वाश करें कि लाखों को आत्मविश्वाश का पाठ पढाने वाला, डोगा जैसे ज्वालामुखी के ईंधन का एक स्त्रोत्र आत्महत्या कर सकता है| असंभव है यह| गूढ़ पहेली है| और इसी पहेली को बूझने में फंसा हुआ है डोगा|
Format: Printed
Issue No: SPCL-2455-H
Language: Hindi
Author: Anupam Sinha,Jolly Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Sagar Thapa, Gaurav Shrivastava
Colorist: Sunil
Pages: 64
महानगर को मिली है मेट्रो गेम्स की मेजबानी लेकिन कोई दुश्मन उन्हें असफल करने को प्रतिज्ञाबद्ध हो गया है और प्रसाशन उसे काबू करने में असफल साबित हो रहा है| देश की इज्जत भी दांव पर है साथ ही देशवासी भी त्रस्त हैं| ऐसे में नागराज ने देश की इज्जत और देशवासियों की समस्याओं की पतवार अपने हाथ मे संभाल ली यह कह कर कि नागराज है ना| इस महा खेल में शामिल हो गए हैं ऐसे अभ्यस्त खिलाड़ी जोकि नागराज जैसे महानायक के भी नाकों चने चबवा सकते हैं.
There are four more comics released with this set which are Dijest comics of Nagraj, Bankelal, Dhruv, aur Doga.
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