SUBHASYASIGHRAM |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2521-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi/Mandar Gangele |
Penciler: Dheeraj Verma |
Inker: N/A |
Colorist: Bhaktranjan |
Pages: 48 |
डोगा हुआ एक गहरी साजिश का शिकार! उसके प्रबल घूंसों से उसके गुरु धनिया चाचा ही मौत के मुंह में पहुंच गए! क्या खुद को माफ कर पायेगा डोगा? क्या साजिशकर्ता को सजा दे पाएगा डोगा? |
Rs 40.00 Rs 36.00 You Save: 10.00% |
Free Hindi Comics
Wednesday, 19 June 2013
SUBHASYASIGHRAM - Doga Comics Free Download
PREM PARIKSHA - Bankelal Comics Free Download
PREM PARIKSHA |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2523-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi, Anurag Kumar S |
Penciler: Sushant Panda |
Inker: Sangeeta Tripathi |
Colorist: Basant Panda |
Pages: 48 |
धूर्त बांकेलाल ने इस बार महारानी स्वर्णलता को इतना भड़का दिया कि स्वर्णलता ने महाराज विक्रमसिंह को अपने प्रेम की परीक्षा देने के लिए अमरप्रेम गुफा में भेज दिया| अमरप्रेम गुफा जहां की कठिन परीक्षाओं में सेंकडो सालों से कोई सफल हो कर जीवित बाहर नहीं निकल पाया| बांकेलाल को पूर्ण विश्वाश है कि इस बार महाराज विक्रमसिंह का पत्ता जरूर कटेगा लेकिन एक छोटी सी मुसीबत भी बांकेलाल के गले पड़ गई| विक्रमसिंह अमरप्रेम गुफा में अकेला नहीं गया, बांकेलाल को अपने साथ ले कर गया| क्या विक्रमसिंह का अंत करके बांकेलाल गुफा से जीवित बाहर आ पायेगा? |
Rs 30.00 Rs 27.00 You Save: 10.00% |
VEERGATI - Nagraj Comics Free Download
VEERGATI |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2524-H |
Language: Hindi |
Author: Nitin Mishra |
Penciler: Hemant |
Inker: Eeshwar Arts |
Colorist: Shadab Siddiqui |
Pages: 80 |
मानव जाति और इच्छाधारी नाग जाति को इश्वर के श्राप से बचाने के लिए नागराज ने अपने जीवन की आहुति दे डाली और इस तरह इस महान योद्धा ने प्राप्त की वीरगति| |
Rs 50.00 Rs 45.00 You Save: 10.00% |
Monday, 27 May 2013
Sunday, 26 May 2013
bankelal aur dakaru - Bankelal Comics Free Download
कंकड़ बाबा के शाप के कारण सर्पलोक से निकलकर बांकेलाल और विक्रमसिंह इस बार आ पहुंचे विचित्रलोक जहाँ की हर वस्तु थी विचित्र। विचित्र लोक में बांकेलाल की शरारत से टूट गया एक विचित्र और विशाल अंडा जिसमे से निकला शैतान डकारु जिसको लंगुरपुरी के लंगूरों ने कैद कर रखा था क्योंकि डकारु डकार जाता था उनके शबरी बाग़ में लगे फलों को। इधर लंगुरपुरी के लंगूरों ने शैतान डकारु से बचने के शबरी बाग़ के फलों की रखवाली के लिए नियुक्त किया खुराफाती बांकेलाल को। और बांकेलाल ने चल दे वहां भी अपनी खुराफात।
Free Download Link : http://www.mediafire.com/Bankelal_Aur_Dakaru
Saturday, 27 April 2013
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