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Issue No: SPCL-2431-H-EC |
Language: Hindi |
Author: Vivek Mohan |
Penciler: Narayan, Jang Bahadur |
Inker: Narayan, Sagar Thapa |
Colorist: Suresh, Sunil |
Pages: 48 |
नाराज विसर्पी के नजदीक जाने के लिए नागराज डाकू कोबराक का छदम वेश धरता है.विसर्पी उसका यह भेद जान जाती है और नागराज को कोबराक के वेश में मन ही मन स्वीकार कर लेती है. दोनों ही एक दूसरे लुका छिपी का खेल खेलने लग जाते हैं. लेकिन यही खेल एक भयानक मोड़ ले लेता है तब जब एक शैतान कोबराक का वेश धर कर पहुंचता है विसर्पी के पास रोमांच तब अपने चरम पर पहुँचता है. |
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Friday 13 January 2012
Kobrak - Amaging Friend of nagraj free download
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