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Thursday, 23 February 2012
Ashwaraj aur Akhor Raj Comics read online
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Raj Comics January Sets 2012
DOGA DIARIES 1 Issue No: SPCL-2491-H | ORDER OF BABELIssue No: SPCL-2480-H | JO HUKAM MEREY AAKA Issue No: SPCL-2477-H | DHRUVA DIGEST 6 Issue No: DGST-0068-H |
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DOGA DIGEST 6 Issue No: DGST-0067-H | BANKELAL DIGEST 9 Issue No: DGST-0066-H | NAGRAJ DIGEST 9 Issue No: DGST-0065-H | |
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NAGRAJ DIGEST 9 Read Online
NAGRAJ DIGEST 9 |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0065-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi, Sanjay Gupta |
Penciler: Pratap Mulick, Chandu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 96 |
नागराज और लाल मौत-# 250 दुबई के अमीर को मारकर कुख्यात आतंकवादी गिरोह का सरगना युसुफ बिन अली खान बन बैठा दुबई का नया अमीर। दुबई को युसुफ बिन अली खान के आतंक से मुक्त कराने के लिए रूएबा ने नागराज से की मदद की अपील। तब नागराज ने रूएबा को युसुफ बिन अली खान की सेना से बचाया और दुबई की नई साम्राज्ञी घोषित कर दिया और चल पड़ा युसूफ को मौत देने के लिए उसके किले की तरफ मगर उसके किले के चारों तरफ थी रेगिस्तान में छिपी लाल मौत! क्या नागराज उस लाल मौत से बच पाया? नागराज और काबुकी का खजाना- # 270 जुर्म को मिटाने की नागराज की शपथ उसे खींच लाई तन्जानिया के जंगलों में जहां उसे मिले कुछ दोस्त और मिले जानवरों की बेरहमी से हत्या कर उनका सौदा करने वाले हैवान! और उन हैवानों का सम्राट था थोडांगा। थोडांगा जिसके बारे में प्रसिद्ध था कि वह रोजाना शक्तिशाली गैंडों से कुश्ती करता था। बेजुबान जानवरों की बेरहम हत्याओं को रोकने के लिए नागराज को करना था थोडांगा का अंत! लेकिन उसके रास्ते में दीवार बन कर खड़े थे जिपा और गुंटारा जैसे शैतान जिसके चंगुल से लोग मरकर ही छूटते हैं! नागराज और थोडांगा- # 280 तन्जानिया के जंगलों का बेताज बादशाह सम्राट थोडांगा के आतंक से जंगल और जंगली जानवरों को मुक्त करने के लिए नागराज टकरा जाता है जंगल के आतंक थोडांगा के खूंखार दैत्यों से! सम्राट थोडांगा को चाहिए काबुकी का खाजाना! तब होती है दोनों में एक खौफनाक टक्कर! नागराज के सारे वार थोडांगा पर बेअसर साबित होते हैं जबकि थोडांगा के वारों के आगे नागराज कहीं नहीं टिकता! |
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BANKELAL DIGEST 9 Read Online
BANKELAL DIGEST 9 |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0066-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Bedi |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 96 |
बांकेलाल ततैया लोक में-# 373 कंकड़ बाबा का शाप भुगत रहे विक्रम और बांके इस बार आ पहुंचे ततैयालोक में जहां बांके को अपराधी समझ कर कर लिया जाता है गिरफ्तार और फेंक दिया जाता है राक्षस हुहुहाहा के कुएं में उसका भोजन बनने को! लेकिन धूर्त बांके ऐसा षड्यंत्र रचता है कि सारे ततैयालोक पर ही मंडराने लगते हैं संकट के बादल! क्या बांके के षड्यंत्रों के डंक से बच सके ततैये? आदमखोर उंगली-# 384 कंकड़ बाबा का शाप भुगत रहे विक्रम और बांके इस बार आ पहुंचे पक्षीलोक में तोता बनकर, जहां एक गिरगिट ने निगल लिया विक्रम को! इससे पहले कि वो तोता बने बांके को भी निगल जाता बांके हो गया गायब और पहुँच गया गिरगिटलोक में जहां उसका सामना हुआ आदमखोर उंगली से! क्या बांके आदमखोर उंगली से बच पाया? क्या विक्रमसिंह सचमुच मारा गया? बांकेलाल और नरभक्षी लुटेरे-# 396 कंकड़ बाबा का शाप भुगत रहे बांकेलाल और राजा विक्रम सिंह इसबार पहंुचे गजलोक में जहां दोनों बन चुके थे गज यानी हाथी। गज लोक में मच्छरलोक के मच्छर दानवों ने मचा रखा था कोहराम हर कोई उनके डंक के कारण मलोरा ज्वर से पीड़ित था। विक्रम सिंह भी रोग ग्रस्त हो गया। अब रोगी थे कई और दवा की पुड़िया भी एक। अर्थात एक अनार सौ बिमार। पुड़िया बांके लाल छपट भागा और इसी भागम भाग में पुड़िया झील में घुल गई। तो क्या अब गए सब काम से? |
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DOGA DIGEST 6
DOGA DIGEST 6 |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0067-H |
Language: Hindi |
Author: Sanjay Gupta, Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Manu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 96 |
आखि़री गोली-# 546 जुर्म की दुनिया में तहलका मचाने वाला गनमास्टर जिसके अचूक निशाने से आज तक कोई नहीं बचा! जिसके कातिल निशाने का शिकार हो गया कानून का चीता कहा जाने वाला इंस्पेक्टर चीता भी! उस गनमास्टर को जब ललकारा डोगा ने तब उन दोनों के बीच शुरू हुआ एक खूनी खेल जिसका फैसला उसी के हक में जाना था जिसके पास बचती आखि़री गोली! डोगा और झबरा-# 555 मोनिका को मिलता है एक प्यारा सा झबरीला कुत्ता झबरा जोकि वास्तव में एक खूंखार दरिंदा है जो पल भर में मासूमों को नोच डालता है! आखिर क्या था उसकी खूंखारता का राज! समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने वाला डोगा क्या इस समस्या को जड़ से उखाड़ पाया? सुपर बॉय-# 566 काल्पनिक सुपरहीरोज के हैरतअंगेज कारनामों से प्रेरित होकर जब एक छात्र राहुल निकल पड़ा सुपरबॅाय बनने के लिए तो उसके रास्ते में आ खड़ा हुआ डोगा! मगर डोगा की नसीहतें उस बच्चे के दिमाग से सुपरबॅाय बनने का भूत ना उतार पाईं! आखिर क्या हुआ इस टकराव का अंजाम? |
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DHRUVA DIGEST 6 read online
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एक दिन की मौत-#246 ध्रुव के एक अंजान दुश्मन ने रचा एक अनोखा षड्यंत्र जिसके चक्रव्यूह में फंस कर ध्रुव के अपने बन बैठे उसकी जान के दुश्मन! और जब उस षड्यंत्र का सूत्रधार वो मास्टरमाइंड सामने आया तो ध्रुव भी आश्चर्यचकित रह गया पर तब तक उसके अपनों द्वारा उसके नसीब में लिख दी गई थी एक दिन की मौत! क्या ध्रुव बच सका? विनाश के वृक्ष-# 255 नेशनल फोरेस्ट में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई के जिम्मेदार अपराधियों के तलाश में निकला ध्रुव जा टकराया एक रहस्यमय जंगली वनपुत्र से जिसके आदेश पर जड़ समझे जाने वाले पेड़-पौधे चमत्कारी ढंग से बढ़ कर लोगों को मौत के चंगुल में जकड़ लेते हैं! उस जंगली का निशाना वो लोग हैं जो पेड़ों को अंधाधुंध काट कर उनको मिटा रहे हैं! और जब ध्रुव ने वनपुत्र को रोकना चाहा तो उसके आदेश पर ध्रुव जकड़ा गया पेड़-पौधे की मजबूत जकड़ में जिससे वो मर कर ही छूट सकता था! Rs 40.00
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