Thursday, 23 February 2012

JO HUKAM MEREY AAKA - Bankelal Free Download

JO HUKAM MEREY AAKA
Format: Printed
Issue No: SPCL-2477-H
Language: Hindi
Author: Tarun Kumar Wahi
Penciler: Sushant Panda
Inker: Sushant Panda
Colorist: Basant Panda
Pages: 48
बांकेलाल ने इस बार तिकडम भिड़ा के विक्रम सिंह को दिला दिया शाप और खुद पा लिया वरदान. वरदान में मिला उसे एक चिराग, जिसे घिसने पर निकला एक जिन्न लेकिन हाय रे फूटी किस्मत जिन्न से खुद बांकेलाल को ही बोलना पड़ रहा है “जो हुक्म मेरे आका”!
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