Format: Printed |
Issue No: DGST-0073-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Pratap Mulick |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 128 |
पिरामिडों की रानी- 390- विश्व के कोने-कोने में तेजी के साथ बिक रही जेप्सी ब्रेड के कारण बच्चों के कोमल मन में पनपा आत्महत्या का जुनून। जब नागराज इस रहस्य पर से पर्दा उठाने निकला तब सान मेरिनो में उसका सामना हुआ सर डॉन के गुण्डों से। वहां से सर डॉन का पीछा करता नागराज जा पहुंचा मिस्र के रहस्यमयी पिरामिडों में जहां पिरामिडों की रानी की जादुई शक्तियों और मांसखोर रैम्बो चीटों की फौज ने नागराज को मौत के द्वार तक पहुंचा दिया। नागराज और मिस्टर चार सौ बीस- 420- मुम्बई में सक्रिय हुआ लूट गैंग जो मचा देता है पूरी मुम्बई में लूट और कत्लेआम! नागराज इनके आतंक को रोकने की कोशिश करता है तब सामने आता है इस गैंग का बॉस मिस्टर 420 जो ताकत से ज्यादा इस्तेमाल करता है अपना दिमाग, रचता है एक षडयंत्र और नागराज उसके षडयंत्रों के जाल में उलझ कर रह जाता है। थोडांगा की मौत- 444- भारत में छाई इलू-इलू मच्छरों की महामारी जिसे रोकने के लिए किया नागराज ने ‘गेट-आउट मैट्स’ का प्रचार। नागराज की फीस के तौर पर गरीबों में मैट्स निःशुल्क बांटे गए। लेकिन तब नागराज के सामने आया कम्पनी का घिनौना रूप। कम्पनी ने उसे केवल एक मोहरे की तरह प्रयोग किया था और जब नागराज ने प्रतिरोध किया तो उसे मैट्स के कार्टन में पैक करके मरने के लिए भेज दिया गया सम्राट थोडांगा के पास जो हाथियों तक को पछाड़ देने वाला एक खूंखार दरिंदा था। नागराज और बेम-बेम बिगेलो- 470- इटली के ग्रेट जिमनास्ट कुंगफू मास्टर बेम-बेम बिगेलो की तलाश में नागराज आ पहुंचा सान-मेरिनो और उसने तस्करों के चंगुल से मासूम लड़कियों को बचाया जिनसे मिली उसे बेम-बेम बिगेलो तक पहुंचने की कड़ी, एक पत्रकार जेनी। नागराज उसके साथ जा पहुंचा बिगेलो मार्शल आर्ट क्लब जहां बिगेलो ने नागराज के लिए कदम-कदम पर मौत बिछा रखी थी। ऐसी मौत जिसकी नागराज ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। |
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Wednesday, 13 June 2012
NAGRAJ DIGEST 11 - Nagraj Comics Free Download
BANKELAL DIGEST 11 - Bankelal Comics Free Download
Format: Printed |
Issue No: DGST-0074-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Bedi |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 192 |
चींटा घाटी-478- विशालगढ़ की तलाश में दर-दर भटकते बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे टुनटुन नगर जहां से बांकेलाल को भेज दिया गया दैत्य चामुण्डा का भोजन बनने को! दूसरी तरफ उसका पीछा करता हुआ आ पहुंचा विशाल चींटा भी जिससे बांकेलाल ने पहले ही पंगा लिया था! अब इधर कुआं है और उधर खाई! कैसे बांके ने अपनी जान बचाई? बांकेलाल और बकासुर-495- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा फंसे दैत्य कुमारी छप्पनछुरी के चंगुल में जिसे बांके ने कंकड़ मार कर जगाया था! और राक्षसों के देवता के वर के अनुसार बांके ही होने वाला था उसका वर! सो उसने बांके को जबरन उठाया और ले गई राक्षस बस्ती! दूसरी तरफ दुष्ट राक्षस बकासुर भी गदासुर नामक अमोघ अस्त्र ले कर पहुँच गया राक्षस बस्ती और रख दिया दैत्य कुमारी से विवाह का प्रस्ताव! अब बांके बनेगा दैत्य कुमारी का वर या बनेगा उसका सींक कबाब? सुनहरी मृग-502- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे शक्तिनगर जहां का राजा शक्तिसिंह था बंदरकाट रोग का शिकार जिसका इलाज था सुनहरे मृग की कस्तूरी! बांकेलाल विक्रमसिंह और शक्तिसिंह को मार कर शक्तिनगर का राजा बनने का रच रहा था षड्यंत्र कि तभी भविष्य से आया डाकू भयंकरसिंह भविष्य के अस्त्र-शष्त्र ले कर आ धमका शक्तिनगर लूटपाट करने| जिस देश में बांके रहता है-514 -बांकेलाल और विक्रमसिंह जा टकराए तीन विजेता खिलाड़ी मुक्काराज, गदर्भराज, तैराकराजा से जो आये थे क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने! उन तीनों ने मिलकर बांकेलाल की बना दी दुर्गत! बस फिर क्या था बांके की बोदी खड़ी हो गई और उसने प्रण लिया कि वो इनका तिया-पांचा करके ही दम लेगा! बांकेलाल का जाल-530- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा टकराए राक्षस प्राणभेदी से जो झील में रहने वाले महाजीवों को गुलाम बनाने के लिए मंत्र पढ़ रहा था! परंतु उस टक्कर से मंत्र पूरा ना हुआ और महाजीवों की टोली पड़ गई विक्रमसिंह और बांकेलाल के पीछे! अब उनको कौन बचायेगा? भूतों की टोली-556- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे प्रसन्न नगर जहां का राजा अप्रसन्नसिंह छोटी-छोटी बातों के लिए मौत की सजा सुना दिया करता था! उसने बांके और विक्रम को भी दे दी मौत की सजा! दूसरी तरफ मौत की सजा पाए लोगों की आत्माओं ने बना ली थी भूतों की टोली जिसमें 101 सदस्य होने में थे बस 2 बाकी! 101 पूरे होते ही उनको मिलनी थी भूत शक्ति! तो क्या बांके और विक्रम भी अब शामिल होने थे भूतों की टोली में? |
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DOGA DIGEST 8 - Doga Comics Free Download
Format: Printed |
Issue No: DGST-0075-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Manu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 128 |
निशाना दिल पर-622- कहीं डोगा का कटा हाथ। कहीं डोगा की कटी टांग। कहीं दीवार में ठुंकी मिली डोगा की छाती। मुम्बई में मच गई सनसनी कि डोगा मारा गया। लेकिन एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन-तीन डोगा मरे पड़े थे और सबको लगे थे निशाने दिल पर। बच्चू पाटी नाम का एक खतरनाक अपराघी डोगा के दिल पर निशाना लगाने का अभ्यास कर रहा था। क्या वो लगा पाया डोगा के दिल पर निशाना या बन गया डोगा का निशाना| बूबो बूबो-641- खूबसूरत लड़कियों को निर्ममता के साथ कत्ल कर रहा था एक हत्यारा बूबो बूबो। मोनिका को शक था अपने क्लासफेलो सूरज पर और डोगा का शक था किसी छः उंगलियों वाले पर। शहर में दहशत थी। पुलिस विभाग में हलचल। डोगा पागलों के समान हाथों में बारूद थामे कर रहा था हत्यारे बूबो बूबो की तलाश। क्या बूबो बूबो डोगा के हाथ लगा या बूबो बूबो की ही गिरफ्त में फंस गया डोगा? तंदूर-657- शहर में सनसनी मचाए हुए था जघन्याय नाम का वो अपराघी, जो चोरी करने वाले के हाथ काट डालता था। झूठे गवाहों की जुबानें। खूनियों की आंतें निकाल लेता था और बुरी नजर वालों की आंखें। ताकि कानून तोड़ने वाले हो जाएं सावघान। जज चौघरी को जघन्याय द्वारा की गई सारी घटनाएं स्वप्न में हूबहू दिखाई पड़ती थीं। कैसे देख लेता था वो जघन्याय द्वारा किये गए अपराघों को स्वप्न में? डोगा ने देखा एक भीषण तंदूर काण्ड, जिसमें एक लड़की को टुकड़े-टुकड़े कर जलाया जा रहा था। तो अब क्या करेगा जघन्याय? अब क्या करेगा डोगा? मगरमच्छ-672- एक खतरनाक हत्यारा टाइगर लॉकअप से अदालत ले जाते समय फरार हो गया। पुलिस और डोगा उसके पीछे थे। किसी के मासूम बच्चे को आग से निकाल कर लाता हुआ टाइगर डोगा को दिखा। अपनी जान खतरे में डाल कर दूसरे की जान बचाने वाला शख्स हत्यारा कैसे हो सकता था। ये जानने के लिये डोगा ने टाइगर को धर दबोचा। लेकिन टाइगर ने अपनी बेगुनाही का सबूत डोगा को बताने की बजाए मगरमच्छों के दरिया में छलांग लगा दी! क्या रहस्य था ? |
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DHRUVA DIGEST 8 - Dhruv Comics Free Download
Format: Printed |
Issue No: DGST-0076-H |
Language: Hindi |
Author: Anupam Sinha |
Penciler: Anupam Sinha |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 192 |
पागल कातिलों की टोली- 400- फाईनेंसर जो राजनगर के अपराधियों को अपराध के लिए फाईनेंस उपलब्ध करवाता था! और जो लोग उसके पैसे देने मे आनाकानी करते उनके लिए फाईनेंसर के पास थी खूंखार पागल कातिलों की टोली जो फाईनेंसर के एक इशारे पर उनको चीड़फाड़ डालते थे! और जब ध्रुव इस मामले मे उलझा तो उन पागल कातिलों ने उसे भी धर दबोचा! और अब फाईनेंसर ध्रुव को भी अपनी पागल कातिलों की टोली में शामिल करना चाहता है! तो क्या अब ध्रुव भी बन जाएगा एक पागल कातिल? ब्लैक कैट- 450- एक षड्यंत्र के तहत नताशा का राज खुला और वो पहुंच गई लॉकअप में! ध्रुब जब इस मामले की छानबीन करने निकला तो वो जा टकराया जिमनास्टिक की उस्ताद एक खतरनाक लेडी फाईटर ब्लैक कैट से! अब ध्रुव कैसे जीत पाएगा उस खतरनाक बला से क्योंकि वो लड़कियों पर हाथ नहीं उठाता! रोबो का प्रतिशोध- 460- ग्रेंड मास्टर रोबो की चाल में फंस कर नताशा इस कदर ध्रुव के खिलाफ हो गई कि वो फिर से कमांडर नताशा बन कर ध्रुव की जान लेने पर अमादा है! तो क्या रोबो का प्रतिशोध पूरा हुआ? दलदल- 550- 'दलदल' जिसके अंदर ना जाने कितने अपराधी डूब कर जज्ब हो गए थे. जब वो एक रहस्यपूर्ण केमिकल के सम्पर्क में आया तो वो जिन्दा हो गया और पहुंच गया पूरे राजनगर को दलदल बनाने के लिए! तो क्या ध्रुव दलदल को रोक पाया या बन गया उसी दलदल का हिस्सा? उड़ती मौत- 560- ध्रुव का सामना हुआ इस बार खतरनाक लेडीबर्ड से जिसके एक इशारे पर चिड़ियों का झुंड लोगों की चमड़ी उधेड़ देता था! क्या ध्रुव इस उड़ती मौत से बच पाया? चंडकाल की वापसी- 565- चंडकाल जिसका बेजान शरीर स्वर्णनगरी में पड़ा था लेकिन उसका मानस रूप तीन अलग अलग स्थान पर इकट्ठा हुआ और उसने तीन जांबाज फाईटर नान-चाकू, अल-किल और डाईविल के शरीर पर कब्जा कर लिया! अब उसका मकसद अपना शरीर वापस पाने का है! क्या ध्रुव चंडकाल को रोक पाया या होकर रही चंडकाल की वापसी! |
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HO HO HOLI - Bankelal Comics Free Download
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2474-H |
Language: Hindi |
Author: Sushant Panda |
Penciler: Sushant Panda |
Inker: Sushant Panda |
Colorist: Sunil,Jai |
Pages: 48 |
एक बार फिर आई होली, निकल पड़ी हुडदंगों की टोली. बचने के लिए बांके लाल ने बनाया राक्षस को हमजोली! इस बार बांकेलाल ने रची अनोखी योजना| उसके हाथ लगी होलीख़ाक! जो जला कर ख़ाक कर देगी विक्रम सिंह को! |
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KAAL KARAL - Nagraj Comics Free Download
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2490-H |
Language: Hindi |
Author: Anupam Sinha |
Penciler: Anupam Sinha |
Inker: Sagar Thapa |
Colorist: Shadab Siddiqui |
Pages: 80 |
काल कराल, जो किसी भी वस्तू या व्यक्ति के भूत में जा कर बदल सकता है उसका भविष्य भी. वो पहुंच गया है नागराज के भूतकाल में जब नागराज को मृत जान कर नदी में बहाया जा रहा था. क्या बदल कर रख देगा नागराज का भविष्य काल कराल? |
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Tuesday, 12 June 2012
JALJIVANI - Kobi aur Bhediya Free Download
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2497-H |
Language: Hindi |
Author: Anurag Kumar Singh |
Penciler: Dheeraj Verma |
Inker: N/A |
Colorist: Abdul Rashid |
Pages: 48 |
सागर वासियों की संजीवनी ‘जल जीवनी’ के लिए छिड़ी एक खूनी जंग! उन्हें अपनी जिंदगी बचानी थी और भेड़िया को जंगल के कानून की मर्यादा! सागर क्षेत्र का शूरवीर रक्षक सागर पुत्र और जंगल का रक्षक आज खड़े हैं आमने सामने अब होगी एक निर्णायक मुठभेड़! देखें किसके हिस्से में आती है जल जीवनी! |
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