Format: Printed |
Issue No: DGST-0074-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Bedi |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 192 |
चींटा घाटी-478- विशालगढ़ की तलाश में दर-दर भटकते बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे टुनटुन नगर जहां से बांकेलाल को भेज दिया गया दैत्य चामुण्डा का भोजन बनने को! दूसरी तरफ उसका पीछा करता हुआ आ पहुंचा विशाल चींटा भी जिससे बांकेलाल ने पहले ही पंगा लिया था! अब इधर कुआं है और उधर खाई! कैसे बांके ने अपनी जान बचाई? बांकेलाल और बकासुर-495- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा फंसे दैत्य कुमारी छप्पनछुरी के चंगुल में जिसे बांके ने कंकड़ मार कर जगाया था! और राक्षसों के देवता के वर के अनुसार बांके ही होने वाला था उसका वर! सो उसने बांके को जबरन उठाया और ले गई राक्षस बस्ती! दूसरी तरफ दुष्ट राक्षस बकासुर भी गदासुर नामक अमोघ अस्त्र ले कर पहुँच गया राक्षस बस्ती और रख दिया दैत्य कुमारी से विवाह का प्रस्ताव! अब बांके बनेगा दैत्य कुमारी का वर या बनेगा उसका सींक कबाब? सुनहरी मृग-502- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे शक्तिनगर जहां का राजा शक्तिसिंह था बंदरकाट रोग का शिकार जिसका इलाज था सुनहरे मृग की कस्तूरी! बांकेलाल विक्रमसिंह और शक्तिसिंह को मार कर शक्तिनगर का राजा बनने का रच रहा था षड्यंत्र कि तभी भविष्य से आया डाकू भयंकरसिंह भविष्य के अस्त्र-शष्त्र ले कर आ धमका शक्तिनगर लूटपाट करने| जिस देश में बांके रहता है-514 -बांकेलाल और विक्रमसिंह जा टकराए तीन विजेता खिलाड़ी मुक्काराज, गदर्भराज, तैराकराजा से जो आये थे क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने! उन तीनों ने मिलकर बांकेलाल की बना दी दुर्गत! बस फिर क्या था बांके की बोदी खड़ी हो गई और उसने प्रण लिया कि वो इनका तिया-पांचा करके ही दम लेगा! बांकेलाल का जाल-530- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा टकराए राक्षस प्राणभेदी से जो झील में रहने वाले महाजीवों को गुलाम बनाने के लिए मंत्र पढ़ रहा था! परंतु उस टक्कर से मंत्र पूरा ना हुआ और महाजीवों की टोली पड़ गई विक्रमसिंह और बांकेलाल के पीछे! अब उनको कौन बचायेगा? भूतों की टोली-556- बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे प्रसन्न नगर जहां का राजा अप्रसन्नसिंह छोटी-छोटी बातों के लिए मौत की सजा सुना दिया करता था! उसने बांके और विक्रम को भी दे दी मौत की सजा! दूसरी तरफ मौत की सजा पाए लोगों की आत्माओं ने बना ली थी भूतों की टोली जिसमें 101 सदस्य होने में थे बस 2 बाकी! 101 पूरे होते ही उनको मिलनी थी भूत शक्ति! तो क्या बांके और विक्रम भी अब शामिल होने थे भूतों की टोली में? |
Rs 100.00 Rs 85.00 You Save: 15.00% |
Wednesday, 13 June 2012
BANKELAL DIGEST 11 - Bankelal Comics Free Download
Labels:
Bankelal,
Set 3 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment