Format: Printed |
Issue No: SPCL-2441-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi, Sanjay Gupta |
Penciler: Sushant Panda |
Inker: Sushant Panda |
Colorist: Sunil |
Pages: 48 |
यह कथा शुरू होती हे सन 7009 के कोबी से जिसे प्रकर्ति की चमत्कारी शक्तियां प्राप्त थीं. किन्तु उससे खुद प्रकर्ति द्वारा वो शक्तियां छीन ली जाती हें. कोबी से अनजाने में जीवित हो उठा हे एक युगों पुराना शाप. पूरी पृथ्वी नष्ट होने की कगार पर हे. अब वन रक्षक कोबी को उस शाप की काट की तलाश हे. जिसके लिए उसे पृथ्वी के विनाश से पहले अपना युगों पुराना इतिहास जानना हे. उसका संघर्ष शाप से हे और एक गहरे षड्यंत्र से हे. दोनों ही उसके प्राणों के प्यासे हें. अपने पूर्वजों का पीड़ादायक इतिहास जानते हुए वो ये समझ चुका हे की आत्मशुद्धि के लिए उसे देनी ही होगी आहुति. |
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Monday, 12 September 2011
AAHUTI
Labels:
Bhedia,
Kobi Aur Bhediya
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