Monday, 12 September 2011

SADACHARI BANKEYLAL



SADACHARI BANKEYLAL


Format: Printed
Issue No: SPCL-2448-H
Language: Hindi
Author: Tarun Kumar Wahi
Penciler: Sushant Panda
Inker: Sushant Panda
Colorist: Sunil
Pages: 48
शिवजी का शाप काटने के लिए निकला बांकेलाल उलटा अपने पीछे एक भूत लगवा बैठा| अब जब उसे करना पड़ेगा सदाचारी वर्त का पालन तभी उसका भला हो सकेगा. बेचारा खोटी बुद्धि वाला बांकेलाल अब मजबूर है वो चाह कर भी किसी का बुरा नहीं कर सकता| लेकिन उस पर सवार भूत उससे करवा रहा है सभी उल्टे-सुल्टे काम और बांकेलाल को करना पड़ रहा है ना चाहते हुए भी सभी का भला|
Rs 30.00
Rs 25.50
You Save: 15.00%

No comments:

Post a Comment