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Format: Printed |
Issue No: SPCL-2425-H |
Language: Hindi |
Author: Sanjay Gupta/Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Hemant |
Inker: Jagdeesh |
Colorist: Shadab/Sunil |
Pages: 80 |
देवराज इन्द्र ने बनाया था उसे उत्परिवर्ती यानि की Mutant. उसकी दहशत से कांप उठी थी धरती. तब देवराज इन्द्र की वज्र शक्ति ने उसे मृत्यु दी. लेकिन उसकी शक्तियां फिर जाग उठीं. कुछ लोगों को मिल गयी हें वो अतिशाक्तियाँ. जिन्हें वो वरदान मान बेठे, लेकिन वो अतिशाक्तियाँ बनने जा रही हें अभिशाप. जो समझ बेठे थे खुद को शक्तिमान अब साबित हो रहे हें अभिशप्त. क्या अतिशाक्तियाँ वरदान हें या हें अभिशाप? क्या नागराज डोगा और भेड़िया भी हें अभिशप्त? इस सवाल पर दुनिया उनके विरुद्ध होने जा रही हे क्योंकि अब हर पृथ्वीवासी बन रहा हे Mutant यानी उत्परिवर्ती यानी अभिशप्त. |
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