Format: Printed |
Issue No: SPCL-2407-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Ramashish |
Inker: Gaurav Shrivastava |
Colorist: Anwar |
Pages: 48 |
परियो ने कर लिया है देवपुत्रों से विवाह. लेकिन श्राप के कारण देवपुत्रों ने खो दी है अपनी अमरता. अब देवपुत्र वृद्ध हो कर मृत्यु को प्राप्त हो जायेंगे. परियों की सुरक्षा के लिए अब जरुरत है एक रक्षक की.. और रक्षक आसानी से पैदा नहीं होते और तब तो बिलकुल नहीं जब आप देवताओं के श्राप से ग्रसित हो कर पुत्र उत्पत्ति में असमर्थ हों. |
Rs 30.00 Rs 25.50 You Save: 15.00% |
Wednesday 14 September 2011
MAHAGURU BHOKAL
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment